शायद ....

आज मूड एकदम शायरीचा आहे  :)

उनके सिवा कोई मेरे जजबात में नहीं 
आंखोमे वो नमी  है जो बरसात में नहीं 
पानेकी उन्हें कोशिश बहोत कियी 
शायद .... 
वो लकीर ही हमारे हाथ में नहीं 

तड़पता है दिल कोई दवा भी नहीं 
बस ... हमारे लिए छोटीसी दुआ भी नहीं 
जिंदगी के बदले खुदा से माँगा है उसे 
शायद ... 
इतनी बड़ी ताकद हमारे प्यार में नहीं 

दूर जाना चाहा पर मंजर ही नहीं 
साथ चलने के लिए मंजिल एक नहीं 
हर मोडपर करते है इंतजार उनका 
शायद ....
उनको पाना हमारे तकदीर में नहीं 

बिना उनके बिताया एक पल भी नहीं 
भूल जाते मगर दूसरा दिल भी नहीं 
धड़कन थमी है आज उनके बगैर 
शायद ....
हमारे लिए खिलाहुआ वो फुल ही नहीं 

बाकि की जिंदगी हमें रास नहीं
कैसे जियेंगे हम जब वो पास नहीं 
सांसेतक तोडनेको तैयार बैठे है 
शायद ....
मोहोब्बत हमारी कुछ खास नहीं 

आजसे हम तो जी ही नहीं पाएंगे 
उनके तारीफ के नगमे भी नहीं गायेंगे 
क्या कमी रह गयी हमारी दुआ में 
खुदासे इसका जवाब लेके जाएँगे 

जिन्दगीमे मोहोब्बत एक ही बार होती है 
रुकीहुई सांसभी उनके सुर में गाती है
हाथोंकी लकीर जब खो जाती है 
ऐसे लगता है जैसे ...
धड़कन की आवाज भी उनका नाम लेती है 

सच्चे प्यार की हार नहीं होती 
ऐसी खुदाई बारबार नहीं होती 
जब भी खुदा से मुराद मंगाते है ... लगता है 
शायद ....
मांगनेमें हमसे कभी देर नहीं होती 

आजके बाद वो साथ नहीं होंगे 
हमको संभालनेवाले वो हाथ नहीं होंगे 
हमने तो कोई बेवफाई नहीं कियी 
पर शायद ....
वफाके फसलोंके यहाँ खेत नहीं होते 

बस ...इतनिसी दुआ है 
हमारी यदोंसे 
उनको आजाद कर दे
किसी दुसरे का ही सही ,
मगर उन्हें सच्चा प्यार दे दे 
उनके दामन में हर ख़ुशी भर दे 
चाहे तो हमारी एक ख़ुशी 
उनके किये कम कर दे 

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