झूठी हँसी


ना हमने आपसे 
कभी शिकायत कियी ,न करेंगे ।
कितानिभी तकलीफे हो 
हमतो हसते रहेंगे 

हसनेकी हमें 
आदतसी हो गयी है ।
रोनेवाली आंखे 
कभीकी खो गयी है ।

हम हसते रहेंगे 
यकीं है ... एक दिन जिंदगीभी मुस्कुराएगी 
रुठेहुए ख्वाब , टुटेहुए सपने 
वापस ले आएगी 

वो फिर से पुरे हो
हम नहीं कहेंगे 
पर एक ख्वाइश जरुर है
रोकर जुदा हुए है 
फिर एक बार ..हसकर गले मिलेंगे 

फिर चाहे लौट जाना 
हम नहीं रोकेंगे 
पर आपकी जुदाई में 
सो भी नहीं सकेंगे 

एक आंसू नहीं गिराएंगे 
मगर इन आंखोंसे 
छुपाते रहेंगे गम 
दुनिया वालोंसे 

झूठी हँसी आप भी सिख लीजिये 
नहीं देख सकते आपको रोता 
अगर रोकर भुलाई जाती यांदे 
तो हसकर कोई गम न छुपाता    

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