मुड़कर न देखना.....

प्यार तो हजारोसे पाओगे 
खुशबू नजारोसे लाओगे 
हमें ढून्डते हुए मगर 
कहा तक जाओगे ?

हमें मत पुकारना 
आवाज नहीं देंगे 
क्या पता आपसे 
बहोत दूर होंगे 

आखोंमे यादो की नमी
पलाकोंको रुला देगी 
दिलमे हमारी कमी 
आपकोही गिला देगी 

दुनियाकी मुस्कराहट कही 
कम सी लगेगी 
एक अधुरिसी शाम 
गम सी लगेगी 

याद आ अगर 
तनहाईमें कही 
प्यारभरी हमारे लिए 
मुस्कराहटही सही 
  
लौट जाओ यहासे 
आगे चल नहीं सकेंगे 
हमारी तलाशमे कभी 
चलातेहुए रुकोगे 

थक गए तो पल्कोंको 
आखोंसे मिला लेना 
दिलकी आवाजसे हमें 
एकबार बुला लेना 

हम आयेंगे जरुर 
अगर अभी आ सके तो 
हमारेलिये फिरसे एकबार गाना 
अगर गा सके तो 

बिना अलविदा कहे जाओगे 
तो हम रूठ जाएँगे 
आपके जानेके बाद 
कसमसे...... टूट जाएँगे 

पर मुड़कर न देखना 
जा नहीं पाओगे 
रो पड़े  हम गलतीसे कही 
तो वापस आ भी नहीं पाओगे 


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