वो तो पानी कि बूंद है ,जो आखोसे बरस जाए
आसू तो वो है
जो तड़प कर आख में ही रह जाए
वो प्यार ही क्या, जो लब्जोमे बया हो
प्यार तो वो है
जो अखोमे नजर आए
वो तो बिता हुआ कल है, जो हमसे बिछड़ जाए
यादे तो वो है
जो दिलमे प्यास बनकर रह जाए
वो शाम ही क्या, जो यादोमे डूब जाए
शाम तो वो है
जो यदोसे खुबसूरत नगमे बनाए
वो तो दहलीज है जो अपनोसे दूर करे
दुरिया तो वो है
जो हरपल, मिलाने को मजबूर करे
वो रात ही क्या ,जो सपनोमे सो जाये
रात तो वो है
जो अन्धेरेमेभी किसीके याद में खो जाए
वो तो हवा है, जो डाली से लिपटी रहे
बहार तो वो है
जो हर फुलको खिलानेपे मजबूर करे
वो दिल ही क्या, जिसमे दर्द ना हो
दिल तो वो है
जो दर्द में भी मुस्कुराया हो
Tried something in Hindi. किती जमलंय .... माहीत नाही
Tried something in Hindi. किती जमलंय .... माहीत नाही
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