शिकायत करते नहीं , तो ये मत समझना
हमें तकलीफ नहीं होती
समजा दिया है आसुओंको
वो आपके सामने , गलती से भी नहीं रोती
पेश करते नहीं , तो ये मत समझना
शायरी करना नहीं आता
तारीफ कैसे करे ???
आपका अलफास तो होठोसे जाहिर किया नहीं जाता
हसी दिखाते नहीं , तो ये मत समझना
हम खुशीसे दूर है
हमारी मुस्कुरहटे तो
किसीकी नजरोके प्यारभरे नूर है
क़यामत होती नहीं , तो ये मत समझना
दुवा करना भूल गए
अगर आप खुश हो
तो समजेंगे ... हमारे हर फरियाद कुबूल हो गए
मोहोबत करते नहीं , तो ये मत समझना
हमारे पास दिल ही नहीं
न जाने क्या लिखा है तक़दीर में
तबतक आपसे दोस्ती ही सही
कभी आखोमे आसू आये , तो ये मत समझना
दोस्ती कम हो गयी
दर्द तो हमें हुआ
बस ... तकलीफ से आपकी पलकें नम हो गयी
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